वरुण नामक ड्रोन 6 मिनट के अंदर एक एकड़ भूमि पर छिड़काव कर सकता है
उत्तर प्रदेश राज्य की एक संस्था द्वारा वरुण नामक ड्रोन बनाया गया है। इस ड्रोन की सहायता से 6 मिनट के अंदर एक एकड़ जमीन में दवा, कीटनाशक का छिड़काव कर पाएंगे। इससे उत्पादन भी बेहतरीन होगा। खेती को बेहतर करने के लिए किसान भी हर संभव प्रयास कर रहे हैं। आधुनिक तकनीक को कृषि क्षेत्र में बढ़ावा दिया जा रहा है। साथ ही, केंद्र व राज्य सरकार का भी प्रयास रहता है, कि किसान बेहतर और आधुनिक तकनीकों को आजमाकर अच्छा-खासा उत्पादन ले पाएँगे। खेती बाड़ी के अंदर ड्रोन एक ऐसी ही तकनीक है, इसके उपयोग से किसानों ने बेहतर उत्पादन लेना शुरू कर दिया है। विशेषज्ञों ने बताया है, कि ड्रोन एक नए जमाने की तकनीक है। जिससे किसान इस तकनीक का फायदा उठा सकते हैं। उनके लिए कृषि काफी आसान हो गई है। वर्तमान, समय में उच्च तकनीक से युक्त इस तरह के ड्रोन सामने आ रहे हैं। जो कि कम भाव पर बेहतर उत्पादन पा सकते हैं।यह ड्रोन एक एकड़ जमीन पर 6 मिनट में दवा छिड़काव कर सकेगी
सामान्यतः एक एकड़ के अंदर उर्वरक एवं कीटनाशकों का छिड़काव करने में 10 मिनट के करीब समय वक्त लेते हैं। परंतु, एक ऐसा ही ड्रोन बनाया गया है। यह मात्र 6 मिनट के समयांतराल में एक एकड़ भूमि पर कीटनाशक, उर्वरक का छिड़काव कर देगा। इस ड्रोन का नाम वरुण दिया गया है। इसका लाभ यह है, कि यह आर्टिपिफशियल इंटेलीजेंस और लर्निंग मशीन तकनीक से युक्त रहेंगी। न्यूनतम वक्त में छिड़काव करने की वजह से लोगों का परिश्रम बचेगा। साथ ही, खर्च भी काफी कम होगा। सामान्य रूप से उर्वरक, दवा छिड़काव करते वक्त किसान दवा के सीधे संपर्क में आते हैं। लेकिन, ड्रोन की सहायता से किसानों को त्वचा से जुड़े रोग होने का संकट रहता है। लेकिन, ड्रोन के उपयोग में ऐसा नहीं कर पाएंगे।यह ड्रोन जहां छिड़काव समाप्त करेगा वहीं से दुबारा शुरू करेगा
मीडिया खबरों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की एक संस्था फ्लाई एक्स स्टार्टअप ने ड्रोन को तैयार किया है। इस ड्रोन की खासियत यह है, कि अगर ड्रोन को एक या दो एकड़ में खेत में छिड़काव किया जाना है। अगर किसी वजह से उर्वरक एवं कीटनाशक का छिड़काव करते बीच खेत में ही समाप्त हो जाता है। यह दवा भरवाने हेतु होम सेंटर जाना होगा। वहां से दवा लेके पुनः उसी जगह से छिड़काव समापन करेगा, जिस जगह पर कीटनाशक व दवा समाप्त हुई थी। यह ड्रोन बैटरी खराब होने की स्थिति अथवा बंद होने तथा बाकी किसी प्रकार की खराबी भी आ रही हो। तब भी यह ड्रोन बीच राह में नहीं रुकेगा। वह होम सेंटर पर जाकर ही रुकेगा।ये भी देखें: इस राज्य में किसान ड्रोन किराये पर लेकर करेंगे कृषि में छिड़काव
क्रॉप एनालिसिस में सहयोग करेगा
बाकी ड्रोन की भाँति इस ड्रोन में भी कई खूबियां विकसित की गई हैं। अगर किसी फसल के बड़े रकबे में कोई रोग संक्रमण हुआ है अथवा सिंचाई की घटोत्तरी हुई है। बाकी समस्त प्रकार की दिक्कत व परेशानियों का यह ड्रोन क्रॉप एनालिसिस करेगा। खेत का स्वामी सारी जानकारी एकत्रित करके संक्रमित जगह पर दवा छिड़काव अथवा सिंचाई कर देगा। जहां छिड़काव अथवा जल की घटोत्तरी रह गई हो।जानें इस ड्रोन की कीमत के बारे में
अगर हम ड्रोन के भाव की बात करें तो इसका मूल्य दस लाख रुपये तक होता है। परंतु, इसका भाव साढ़े 5 लाख रुपये तक किया गया है। किसान अगर चाहें तो ड्रोन को किराए पर लेके भी स्वयं की फसल पर उर्वरक एवं दवा का छिड़काव कर सकते हैं। कुशीनगर, वाराणसी, बिहार का प्रयोग किया जा रहा है। हाल ही में कानपुर स्थित विश्वविद्यालय के दीनदयाल शोध केंद्र में संचालित ड्रोन कांफ्रेंस में इसकी प्रस्तुति दी गई है।
06-Feb-2023